होली का जिधर देखो माहौल बना हुआ है, रंग है गुलाल है, छोरे का, गोरी का तन लाल है। ऐसा समा बंधा है कि बस आनन्द साहब और राहुल देव का यह गाना ख़ुद ही याद आ रहा है और गाये जा रहा हूँ। आप गाओ और रंग उड़ाओ कि बच न जाने पाये कोई, होली है!!!
गीत: आज न छोड़ेंगे बस हमजोली, खेलेंगे हम होली | Aaj Na Chhorenge Bas Hamjoli, Khelenge Ham Holi
फ़िल्म: कटी पतंग (1970) | Kati Patang
संगीतकार: राहुल देव बर्मन | RD Burman
स्वर: लता मंगेश्कर, किशोर कुमार | Lata Mangeshkar, Kishor Kumar
गीत के बोल:
हे.. आज न छोड़ेंगे
हाँ.. आज न छोड़ेंगे बस हमजोली
(खेलेंगे हम होली) - 2
चाहे भीगे.. चाहे भीगे तेरी चुनरिया
चाहे भीगे रे चोली
खेलेंगे हम होली
होली है
अपनी अपनी किस्मत है ये
(कोई हँसे कोई रोये) - 2
हो.. रंग से कोई अंग भिगोये रे कोई
(असुवन से नैन भिगोये) - 2
हुर्र र र र
रहने दो ये बहाना
क्या करेगा ज़माना
हो.. तुम हो कितनी भोली
हो.. खेलेंगे हम होली
ऐसे तोड़ गए हैं
(मुझसे ये सुख सारे) - 2
हो.. जैसे जलती आग किसी वन में
(छोड़ गए बंजारे) - 2
हुर्र र र र
दुःख है इक चिंगारी
भर के ये पिचकारी
हो.. आयी मस्तों की टोली
हो.. खेलेंगे हम होली
आज न छोड़ेंगे बस हमजोली, खेलेंगे हम होली
ReplyDeleteहोली का हार्दिक शुभकामनाएँ
आपको होली की मुकारबाद एवं बहुत शुभकामनाऐं.
ReplyDeleteसादर
समीर लाल
हाँ जी ख़ूब खेलो होली, आप को भी होली की शुभकामनाएँ, महेन्द्र जी और समीर जी!
ReplyDeleteराग रंग .........होली की बहुत बहुत बधाई
ReplyDeletehappy holi, manvinder ji!
ReplyDeleteबहुत सुंदर ... होली की ढेरो शुभकामनाएं।
ReplyDeleteहोली की बहुत बहुत बधाई
ReplyDeleteधन्यवाद
very very beautiful blog dedicated to Anand bakshi sahab.
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